ईस्टर से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी आपको यहाँ पढ़ने को मिलेगी जैसे की Easter Meaning in Hindi, ईस्टर संडे पर निबंध इत्यादि।
ईस्टर का पर्व, यूनानी (ईसाई) पूजन-वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण और धार्मिक पर्व व उत्सव है। ईसाई धर्म के अनुसार, जब यीशु को सूली पर लटकाया गया था तो उसके तीसरे दिन वह पुनर्जीवित हो गये थे। तभी से इस मृतोत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस (Easter festival) और ईस्टर संडे (Easter Sunday) के नाम से मनाते है। कुछ लोग इस त्यौहार को मृतोत्थान दिवस और मृतोत्थान रविवार भी कहते हैं।
यह फेस्टिवल गुड फ्राइडे के 2 दिन बाद और पुण्य बृहस्पतिवार या मौंडी थर्सडे के 3 दिन बाद ईस्टर मनाया जाता हैं।
यीशु की मृत्यु 26 और 36 ई. पू. के बीच में हुई थी। इनकी मृत्यु और उनके जी उठने के कालक्रम को अनेकों और भिन्न-भिन्न प्रकार से बताया जाता है।
Easter Meaning in Hindi
ईसाई धर्म के प्रमुख त्योहार में से एक त्योहार ईस्टर नाम से प्रसिद्ध है। क्रिसमस के बारे में तो आप यकीनन ही जानते होंगे, यदि नहीं जानते तो दोस्तों मैं आपको बता देना चाहता हूँ कि HimanshuGrewal.com पर क्रिसमस से जुड़े लेख आपको मिल जाएंगे जिससे आप अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं। आज के इस लेख में हम Easter Ka Matlab (ईस्टर डे मीनिंग) विख्यात से जानेंगे। सर्वप्रथम मैं आपको बताना चाहता हूँ कि ईस्टर “हैप्पी सनडे” के नाम से भी चर्चित है। तो चलिये दोस्तों शुरू करते हैं।
Meaning of Easter in Hindi
» ईस्टर शब्द का अर्थ है पुनःस्थान अर्थात दुबारा जी उठना।
ईसाई धर्म के गुरु प्रभु यीशु का जन्म दुबारा हुआ था| बाइबल यह दर्शाती है कि शुक्रवार के दिन उनको गाड़ा गया था और रविवार के दिन जी उठे जिसे ईस्टर संडे कहा जाता है और इसी को ईस्टर डे का मतलब कहा जाता हैं। ऐसा कहा जाता है कि इसके ऐतिहासिक सबूत भी है, वही काफी लोग इसको गलत मानते हैं और उनका कहना है कि ऐसा मुमकिन नहीं है मतलब की कोई भी मरने के बाद दुबारा जीवित नहीं हो सकता है।
बाइबल में यह स्पष्ट लिखा है कि यीशु ने मृत्यु पर भी जीत प्राप्ति कर ली थी और वो आज भी अमर है।
प्रभु यीशु इस जगत में सिर्फ जगत का पाप लेने आए थे, जिससे इस जगत में दण्ड की आज्ञा ना हो। मनुष्य तो पाप के कारण पाप दण्ड पहले ही प्राप्त कर चुका था, परंतु परमेश्वर दयालु है, करुणा निधान है। उसने अपनी योजना में जब मनुष्य को सृजा तो वो उसके द्वारा आए पाप के दण्ड का उपाय पहले ही कर चुका था प्रभु यीशु के रूप में।
यह सत्य है कि प्रभु यीशु मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर जिया, संसार के सभी पापों पर विजय पाई। वह पाप में नहीं गिरा, परंतु फिर भी उसे क्रूस की मृत्यु सहनी पड़ी क्योंकि उसने जगत का पाप अपने ऊपर ले लिया था। जो पवित्रता में जीता है, और जिसमें कोई पाप भी सीध नहीं होता उसे मृत्यु अर्थात नर्क की मृत्यु का भागी नहीं होता, वह शारीरिक मृत्यु के बाद स्वर्गीय देह में जी उठता है ठीक वैसे ही जैसे प्रभु यीशु जी उठे।
वह इस पृथ्वी के प्रथम पुरुष थे जो दुबारा जी उठे थे, और अब जो इस बात पर विश्वास करता है वो भी दण्ड का भागी नहीं होगा अर्थात वह भी शारीरिक मृत्यु के बाद स्वर्गीय देह भी जी उठेगा। इसे आप पुनत्थान के देह के 1 कुरिन्थियों अध्याय के 15:36 – 56 में भी पढ़ सकते हैं।
जब प्रभु यीशु को कब्र में रखा गया था तो उस कब्र के मुह पर एक बड़ा पत्थर भी रखा गया था। सप्ताह के पहले दिन अर्थात रविवार को जब मरियम उस कब्र पर गई तो उन्होंने वहाँ कब्र के बाहर वो बड़ा पत्थर हटा हुआ पाया फिर वो कब्र के अंदर गई तो वहाँ उसने वहाँ स्वर्ग के दूतों को पाया।
पहले तो वो उनको देख घबरा गई, लेकिन फिर एक दूत ने उससे कहा:-
चकित मत हो, तुम यीशु नासरी को, जो क्रूस पर चढ़ाया गया था, ढूंढती हो: वह जी उठा है; यहाँ नहीं है; देखो यही वह स्थान है, जहाँ उन्होंने उसे रखा था।
ऐसा कहा जाता है कि यह बात बिलकुल सत्य है, यीशु के शरीर को जहां रखा गया था वहाँ उनका शरीर मरियम को नहीं मिला था सिर्फ वो वस्त्र था वहाँ जिसमें उनको लपेट कर वहां रखा गया था। उसी समय वहां उसको प्रभु यीशु दिखे। प्रभु ने पूछा – हे नारी तुम क्यों परेशान हो किसको ढूंढती है क्योंकि तब तक मरियम उनको पहचान नहीं सकी थी कि वो प्रभु यीशु ही हैं।
प्रभु यीशु मरियम में समा गए और फिर मरियम ने सब तक यह बात पहुंचाई कि यीशु दुबारा जी उठे हैं, उसके पश्चात प्रभु यीशु 40 दिन तक अपने चेलों के बीच में रहे। उसके बाद उनको जीवित स्वर्ग में उठा लिया गया।
दोस्तों, जिस दिन प्रभु यीशु अपने कब्र में से अर्थात कब्र में से जी उठे थे उसी दिन को ईस्टर संडे कहा जाता है। इस दिन को मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है और यह दिन बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। अपने भी अपने कर्मों से विजय प्राप्ति की कोशिश करनी चाहिए। कहते हैं ना अच्छा करोगे अच्छा ही पाओगे।
Information About Easter in Hindi
EASTER ESSAY IN HINDI
ईस्टर को भिन्न-भिन्न नाम से कहा जाता हैं जैसे जैसे कि चर्च के वर्ष का काल, द ईस्टर सीज़न अथवा ईस्टर काल।
ईस्टर का जो काल होता है वह परंपरागत चालीस दिनों का होता है। ये पर्व ईस्टर दिवस से होकर स्वर्गारोहण दिवस तक होता आया है, परंतु अब यह पर्व आधिकारिक तौर पर पंचाशती तक पचास (50) दिनों का होता है। ईस्टर सीज़न और ईस्टर काल का जो पहला सप्ताह होता है उसको ईस्टर सप्ताह या ईस्टर अष्टक या ओक्टेव ऑफ़ ईस्टर भी कहते हैं।
ईस्टर के पर्व को चालीस सप्ताहों के काल और एक चालिसे के अंत के रूप में भी देखा जाता है। इस पवित्र काल को प्रायश्चित, प्रार्थना और उपवास करने के लिए भी माना जाता है। ईस्टर का त्योहार एक बहुत ही प्रमुख त्यौहार है, ये एक गतिशील त्यौहार है, जिसका अर्थ है (Easter meaning) ये नागरिक कैलेंडर के अनुसार नहीं चलता हैं।
जब (325) में नाईसीया की पहली सभा हुई थी तब ईस्टर की तिथि का निर्धारण पूर्णिमा (पास्का-विषयक पूर्णिमा) और वसंत विषुव के बाद आने वाले प्रथम संडे के रूप में किया गया।
March, April Easter Date Calculation?
ईस्टर की कोई निर्धारित तिथि नहीं है। गिरजाघर के अनुसार, गणना के आधार पर विषुव की तारीख 21 मार्च है इसलिए ईस्टर की तारीख कभी 22 मार्च और कभी 25 अप्रैल के बीच बदलती रहती है। पर जितने भी पूर्वी ईसाइयत है उनकी गणना जूलियन कैलेंडर पर आधारित की है। इस कैलेंडर के अनुसार 21 मार्च की तिथि इक्कीसवीं सदी के दौरान ग्रेगोरियन कैलेंडर के 3 अप्रैल के दिन पड़ती हैं।
जूलियन कैलेंडर के अनुसार ईस्टर के त्योहार व पर्व व उत्सव 4 अप्रैल से 8 मई के बीच में पड़ता है।
ईस्टर डेट सिर्फ संकेतों के प्रयोग के आधार पर ही नहीं बल्कि कैलेंडर में अपनी स्थिति के अनुसार भी यहूदी पास्का या यहूदी ईस्टर से संबंधित हैं। सर्वप्रथम रूप से कुछ नई चीजें जैसे की ईस्टर बनी (Easter bunny) अथवा ईस्टर एग हंट्स (Easter eggs hunts) छुट्टियों में भी इसका बहुत बड़ा महत्व है।
ईस्टर को ईसाई समुदाय के लोगों के अलावा गैर-ईसाई लोग भी इस पवित्र त्यौहार को बहुत ही ख़ुशी और सामान रूप से मनाते हैं, परन्तु कुछ ईसाई वर्ग के लोग ऐसे भी है जो ईस्टर नहीं मनाते हैं।
यह थी थोड़ी बहुत जानकरी Easter Festival के बारे में, अगर आपको Easter Meaning in Hindi के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करनी है तो आप विकिपीडिया पर जाकर इसके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
Easter History के ऊपर ऐसी कोई बात जो आप जानते हो और उसको आप हमारे साथ शेयर करना चाहते हो तो आप कमेंट के माध्यम से हमारे साथ और सभी पाठकों के साथ शेयर कर सकते हो। जितना हो सके इस लेख को फेसबुक, ट्विटर, गूगल+ और व्हाट्सएप पर शेयर करें।
ईष्टर पर्व के ऊपर बहुत ही बेहतरीन किस्म की जानकारी प्रस्तुत की है आपने। मुझे बेहद पसंद आई आपकी यह पोस्ट।
🙂
Thanks
Sir Bahut Badiya Likha Hai…
Thanku for share this knowledge with us
Knowledgement post hai ye thanks