इस लेख के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा कि भारत में बाल दिवस कब आता है और बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?
तो सबसे पहले मैं आपको Children’s Day Date बता देता हूँ।
भारत में बाल दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर के दिन मनाया जाता है।
अब आप सोच रहे होंगे की मैंने भारत में बाल दिवस डेट क्यों लिखा है, तो मैं आपको बता देता हूँ कि भारत के अलावा और भी कई ऐसे देश है जहां बाल दिवस मनाया जाता है। लगभग सभी देशों में इस दिन विद्यालय के बच्चों के लिए खास तौर पर प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है और फिर इस दिन को बच्चे काफी मस्ती करते है।
- नोट: कई देशों में अलग-अलग तिथि के दिन बाल-दिवस (Children’s Day) मनाया जाता हैं।
तो आईये, बाल दिवस के बारे में जानकारी प्राप्त करते है और जानते है कि स्कूल में बाल दिवस कैसे मनाया जाता है, और किस – किस तरह के प्रोग्राम का इस दिन विद्यालय में आयोजन किया जाता है?
हो सकता है कि बाल दिवस के दिन आपके विद्यालय में “बाल दिवस का महत्व” के ऊपर आपको निबंध या स्पीच को लेकर प्रतियोगिता हो और तब आप यदि इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़ पढ़ेंगे तो यकीनन ही आप उसमें अपना अच्छा प्रदर्शन दिखा सकते हैं।
तो चलिये, सबसे पहले आप यह जान लो कि चिल्ड्रन डे क्यों मनाया जाता है?
बाल दिवस का इतिहास
आजादी के पश्चात पहली बार भारत में 20 नवम्बर, वर्ष 1959 को बाल दिवस मनाया गया था। पंडित नेहरू उस समय प्रधानमंत्री पद पर कार्यरत थे, बच्चों के प्रति लगाव, देखभाल की वजह से बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। लेकिन वर्ष 1964 में नेहरू जी के हुए आकस्मिक निधन के पश्चात बाल दिवस मनाने की तिथि को उनके जन्म दिवस के साथ बदल दिया गया और वर्ष 1964 के बाद से लेकर अब तक हम प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस के रुप में मनाते हैं।
बाल दिवस का महत्व
बच्चों युवाओं के लिए जीवन में कुछ करने का सपना लेकर चलने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने अंग्रेजों के इस देश के जाने के बाद वर्ष 1947 में जब सत्ता संभाली तो उनकी पहली प्राथमिकता थी बच्चों तक शिक्षा पहुंचाना। उनका मानना था कि बच्चे किसी भी देश का स्तंभ होते है जो उस देश के भावी निर्माता होते हैं। बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने अपने शासनकाल में बच्चों एवं युवाओं के लिए काफी अच्छा कार्य किया। उन्होंने बाल मजदूरी जैसी सामाजिक कुप्रथा को खत्म करने के लिए भी योजनाएं बनाई। इस महान राजनेता ने अपने जन्म दिवस को भी बच्चों को समर्पित कर दिया। कई दशकों से देश नेहरू जी के जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में बनाकर नेहरू जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
इस दिन विद्यालयों में बच्चों को खुश करने के लिए अनेक रंगारंग कार्यक्रम, खेलकूद तथा प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। तथा छुट्टी के समय टॉफी मिठाईयां बांटी जाती है। वर्ष भर में बच्चों को इस दिन के आने का इंतजार रहता है। यह दिवस देश के उन लाखों बच्चों की जिंदगी की ओर नागरिकों का ध्यान आकर्षित करता है। जिन्हें स्वतंत्रता के इतने वर्षों के बावजूद भी शिक्षा, भोजन जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी करने में कठिन संघर्ष करना पड़ता है।
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है और कब मनाया जाता है?
बाल दिवस पर निबंध हिंदी में लिखा हुआ
आप में से काफी लोगों को बाल दिवस के बारे में नही पता होगा की बाल दिवस की क्या विशेषता है?
तो सबसे पहले आप बाल दिवस का इतिहास जान लो।
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर के दिन हुआ था। यह बच्चों से बहुत प्यार करते थे और बच्चे इनको प्यार से चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे तो उन्ही के जन्मदिन के मोके पर बाल दिवस मनाया जाता है।
जिस प्रकार आज हम नरेंद्र मोदी जी को देखते है कि जब भी वो बच्चों से कही मिलते है तो ऐसे उनके साथ व्यवहार करते है जैसे उनको कब से जानते हो या वो उनके ही दोस्त हैं। एक उदाहरण के लिए हम भारत के मिसाइल मैन ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम जी का भी ले सकते हैं, वो भी अपना ज्यादातर समय बच्चों के साथ ही व्यतीत करते थे। यहां तक की वो अपने आखरी समय में भी एक कॉलेज में बच्चों को भाषण के माध्यम से मोटीवेट करने ही गए थे और वहां उनको दिल का दौरा आया और वो भारत देश को छोर कर चले गए। ठीक इन्ही के तरह जवाहर लाल नेहरू जी को भी बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे इनको प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे।
अब आपको यह तो पता होगा की पंडित जवाहरलाल नेहरू कौन है? लेकिन अगर आपको इनके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करनी है तो मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मैंने इस विषय पर पहले ही लेख लिखा हुआ है जिसमे मैंने जवाहरलाल नेहरू जी का जीवन परिचय दिया है।
तो आप चाहे तो उस लेख को पढ़ कर पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के बारे में और भी जानकारी प्राप्त कर सकते है, मैं आपके लिए उसका लिंक नीचे शेयर कर रहा हूँ।
» पंडित जवाहरलाल नेहरू का इतिहास और जीवन परिचय
यदि आपके पास समय का आभाव है और अभी इस वक्त ऊपर दिये गए लिंक पर नहीं जा सकते है, तो आपके लिए मैं शॉर्ट में जवाहरलाल नेहरू जी के बारे में बता देता हूँ। तो चलिये शुरू करते हैं:-
पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध
Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi
चाचा नेहरू हमारे देश भारत (India) के पहले प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने महात्मा गांधी के साथ हमारे देश को आजादी दिलाने में बहुत मदद करी थी और 1947 में भारत स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यह भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।
चाचा नेहरू पर निबंध हिंदी में: Chacha Nehru Biography in Hindi
14 नवम्बर, 1889 में भारत के एक नामी राज्य उत्तर प्रदेश के अल्लाहाबाद शहर में इनका जन्म हुआ, इनके पिता जी का नाम मोतीलाल नेहरू था, जो एक धनाढ्य परिवार के थे और माता का नाम स्वरूप रानी था।
मैं आपको बता दूँ की जवाहरलाल नेहरू अपने माता-पिता के मात्र इकलौते पुत्र थे और उनके अलावा उनकी 3 बहन थी। यदि हम इनके पिता जी के पेशे के बारे में जाने तो पेशे से इनके पिता जी एक वकील थे, और यही वजह थी कि उन्होंने अपने बेटे को भी इसी लाइन में डाला।
आइए अब हम भारत के पहले प्रधानमंत्री जी के शिक्षा के बारे में विख्यात में जान लेते हैं।
जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा
नेहरू जी एक अच्छे परिवार से थे तो पैसों की कोई कमी नहीं थी और इसी वजह से जवाहरलाल नेहरू को दुनिया भर के बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिला था।
- स्कूली शिक्षा – हैरो
- कॉलेज की शिक्षा – ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन
- लॉ की डिग्री – कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
लॉ की डिग्री पूरी होने के उपरांत 1912 में नेहरू जी ने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की और फिर अपने देश भारत वापस लौट आए। ज़ाहिर सी बात है कि लॉ की पढ़ाई करने के बाद पंडित नेहरू को भारत में एक वकील का काम करना था, लेकिन भारत लौटने के बाद उन्होंने कई ऐसी बातों को अपने सामने होता हुआ देखा कि जिससे उन्होंने वकालत छोड़ दी। और भारत के स्वतंत्रता के युद्ध प्राप्ति के लड़ाई में गांधी जी से प्रभावित होकर 1912 में कांग्रेस से जुड़ गए और अपना सहयोग देने लगे।
आइए, अब हम जवाहरलाल नेहरू जी का कांग्रेस के एक नेता से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक के सफर पर एक नजर डालते हैं:-
भारत के बाल-दिवस पर निबंध और महत्व
Jawaharlal Nehru Biography in Hindi
Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi For Class 3
यदि आपने इतिहास पढ़ी है तो शायद आपको ज्ञात हो कि 1920 के प्रतापगढ़ में जो सबसे पहले किसान मोर्चे को संगठित किया गया था उसका श्रेय जवाहरलाल नेहरू को ही दिया जाता है। उसके बाद वर्ष 1928 में उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में जब वे साइमन कमीशन के विरोध लड़ाई कर रहे थे तो वहां नेहरू घायल हो गए थे। उसके उपरांत 1930 मार्च के महीने में जो नमक आंदोलन हुआ था “जिसे हम सभी ने इतिहास में ज़रूर पढ़ा है” उस दौरान जवाहरलाल नेहरू गिरफ्तार हुए।
सजा के रूप में उन्होंने तब 6 महीने जेल में रह कर अपनी जिन्दगी काटी, और फिर उसके 5 बाद 1935 में जब वो दुबारा जेल गए तो वहाँ अलमोड़ा जेल में उन्होंने “आत्मकथा” लिखी।
यदि आप चाहे तो इस किताब को Amazon से खरीद कर जवाहरलाल नेहरू जी के खूद के शब्दों में उनकी जिन्दगी के एक-एक पल को पढ़ कर समझ सकते हैं।
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मैं आपको बता दूँ की वकालत की डिग्री लेने के बाद जब वो भारत वापस आए और फिर भारत को आजादी दिलाने तक में उन्होंने कुल 9 बार जेल यात्राएं कीं।
अब जब भारत आज़ाद हो गया था तो उसके बाद भारत को एक लोकतांत्रिक देश बनाने का सुझाव रखा गया जिसमें अब प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री और इसके अलावा और भी कई पद के किसी एक नेता को मत दे कर चुना जाना था। भारत के अंग्रेज़ों से मुक्त कराने के जंग में कई वीरों ने तो अपनी जान गवा दी थी लेकिन फिर भी भारत के पास एक से बढ़ कर एक वीर नेता थे। तभी सवाल यह आया कि प्रधानमंत्री के पद पर किसे नियुक्त किया जाए, और फिर इसके लिए मत दान भी कराया गया था।
प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस पार्टी के तीन ऊमीद्वार थे, चलिये पहले मैं उनके नाम आपको बता देता हूँ-
- जवाहरलाल नेहरू
- वल्लभभाई पटेल
- आचार्य कृपलानी
जब मतदान हुआ तो जवाहरलाल नेहरू के मुकाबले सरदार वल्लभभाई पटेल और आचार्य कृपलानी को सर्वाधिक मत मिले थे। लेकिन फिर सिर्फ महात्मा गांधी के कहने पर दोनों (आचार्य कृपलानी और वल्लभ भाई पटेल) ने अपना नाम वापस ले लिया और फिर जवाहरलाल नेहरू को भारत का पहला प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
आजादी के बाद 1947 में हुआ पहला मतदान से नियुक्त हुये भारत के प्रधानमंत्री बने और 27 मई 1964 (को जब उनका निधन हुआ) तब तक वो इस पद पर बने रहे। आखिरी मुख्य बात – नेहरू जी की मृत्यु कैसे हुई?
पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कैसे हुई अथवा पंडित जवाहरलाल नेहरू की मौत का कारण क्या हैं?
यह तो आप सभी जानते है कि नेहरू जी पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के जो खराब संबंध है उनको सुधार नहीं पाए। उन्होंने कोशिश करते हुए चीन की तरफ मित्रता का हाथ भी बढ़ाया था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी और फिर 1962 में चीन ने धोखे से भारत पर आक्रमण कर दिया। चीन का आक्रमण जवाहरलाल नेहरू के लिए एक बड़ा झटका था क्योंकि उन्होंने शायद कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि चीन कभी ऐसा कदम भी उठाएगा। शायद इसी वजह से उनकी मौत भी हुई।
जवाहरलाल नेहरू को 27 मई 1964 को दिल का दौरा पडा़ जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।
इस महान हस्ती के याद में इनके जन्म दिन के दिन स्कूल में एक तरह का फेस्टिवल होता है। बच्चे स्कूल में डांस करते है, खाने का सामान लाते है और Children’s Day Par Poem बोलते एवं लिखते है। बाल दिवस बच्चों के लिए बहुत ही लोक प्रिय दिन होता है तो आप फिर चाहे बच्चे हो या फिर बड़े आपको भी Bal Diwas Par Kavita लिखनी चाहिए और उसको फेसबुक, व्हाट्सएप्प और ट्विटर पर सब लोगो के साथ शेयर करना चाहिए।
बाल दिवस पर भाषण 2020 के लिए: Bal Diwas 2020 Speech in Hindi for Teachers
माननीय प्रधानाचार्य जी एवं यहां उपस्थित सभी शिक्षकों को मेरा सुप्रभात।
आज बाल दिवस के इस विशेष अवसर पर मैं आपके समक्ष से इस दिवस की महत्वता के विषय पर कुछ शब्द कहना चाहता हूं।
हर साल पंडित जवाहरलाल नेहरू की स्मृति में 14 नवम्बर को बाल दिवस बच्चों द्वारा मनाया जाता है। पंडित नेहरू को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में एवं आजादी के लिए किए गए उनके संघर्ष के लिए आज भी याद किया जाता है। पंडित नेहरू एक उच्च कोटि के राजनेता लेखक होने के साथ-साथ स्वभाव से एक अच्छे पुरुष थे, जो बच्चों से बेहद प्रेम करते थे। अक्सर कई मौकों पर मंच से उन्हें बच्चों के अधिकारो उनके बेहतर जीवन के लिए उन्हें बोलता देखा गया।
नेहरू के शब्दों में बच्चे देश के भविष्य होते हैं, अतः बच्चों के बेहतर एवं सुरक्षित जीवन के लिए उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं भोजन, कपड़े, शिक्षा उन तक पहुंचनी चाहिए। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए नेहरू जी ने बाल मजदूरी पर भी अपनी विचारधारा लोगों तक पहुंचाई। तथा इसे रोकने हेतु कई नियम कानून भी बनाए ताकि बच्चों के सुनहरे भविष्य को अंधकारमय रास्ते में जाने से रोका जा सके।
नेहरू द्वारा अपने शासनकाल में जनता हेतु किए गए कार्यों द्वारा की गई देश सेवा के लिए उन्हें आज की पीढ़ी भी याद करती है। लेकिन इसके साथ-साथ इस महान शख्सियत के लिए बच्चों के प्रति जो प्यार था इसके लिए भी इन्हें जाना जाता है।
कार्य से दूर रहने के दौरान जब भी नेहरू को समय मिलता तो वह इस समय को बच्चों के साथ बिता कर उनके साथ बातें करते, उनके मन की बात सुनते। इस तरह बच्चों से वह घुलमिल जाते थे और उनका यह व्यवहार बच्चों को बड़ा पसंद आता था। इसलिए बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर भी बुलाते थे।
बच्चों के प्रति उनके लगाव का ही परिणाम था कि भारत में पहली बार वर्ष 1959 में पंडित नेहरू की याद में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया गया।
तब से प्रत्येक वर्ष भारत में बाल दिवस मनाया जा रहा है। हालांकि वर्ष 1964 में हुए नेहरू जी के अकस्मात निधन की वजह से 20 नवंबर के स्थान पर उनके जन्मदिवस 14 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर घोषित कर दिया। इसलिए देशवासियों द्वारा हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मना कर पंडित नेहरू द्वारा की गई देश सेवा के लिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। तो आज 14 नवंबर के इस मौके पर मैं इन्हीं अंतिम शब्दों के साथ आप को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देकर इस भाषण को विराम देना चाहूंगा।
धन्यवाद
भारत में बाल दिवस कब मनाया जाता है?
प्रत्येक वर्ष नवंबर की 14 तारीख को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चों के लिए खास इस दिवस के मौके पर विद्यालयों में अनेक दर्शनीय कार्यक्रम प्रतियोगिताएं आयोजित होती है। इस मौके पर बच्चों के बीच मिठाईयां टॉफियां भी वितरित की जाती हैं। वे काफी खुश दिखाई देते है। अतः इस दिवस का काफी दिनों से बच्चों को इंतजार रहता है।
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!…Happy Children’s Day…!
– बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?
Happy childrens days
Happy children’s day 🙂
sir vocabelry kaise yaad rakhe mahatwpun
Thanku
Nice speech
I liked this knowledge about children’s day.thank you
Welcome 🙂
Happy children’s day sir aapke site pe aake hme bhut khushi mili
Aapko bhi happy children’s day. Dubara Jarur visit Kare.
Happy children day
Bal diwas manane ki suruat kab she hua please give me answer sir
Happy teacher day
Happy Teachers day 🙂
Happy Teacher’s Day
Childrens day ke baare mein acchi jankari di
Thanks
nice line
thanks
happy childrens day
Happy teachers day
happy children’s day
Happy Children’s day 🙂
Happy Children’s day
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Happy Children’s day 🙂
nice bhaiya g
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Happy children’s day.thanks sir jankari ke liye
Happy children’s day 2017 Pratiksha it solution
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Bal divas is good day of the children.
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14-11-2018
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Happy children day on birthday of Javahar Lal Nehru, who was the first prime minister of India.
Happy bal diwas
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Happy Children’s Day.
Happy Children’s Day
Nice post on bal diwas thanx for sharing